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Know these 6 tips for mental health now 

ये 6 कामों से हो जाएगी सारी थकान दूर

वैज्ञानिकों के लिए माइक्रोसॉफ्ट बहुत ही रोचक क्षेत्र बन गया है जिसमें खरगों माइक्रोसोम का समुदाय जिसे हम माइक्रोसोम कहते हैं हमारे शरीर और स्वास्थ्य एवं मानसिक स्थिति को प्रभावित करता है शरीर की आंतों में बसे यह छोट- छोटे जीवाणु न केवल पाचन क्रिया मैं मदद करते है बल्कि हमारे मास्तिज के साथ भी इनका बहुत बड़ा संबंध जुड़ा होता है

 

हमारे पेट मैं हो रहे परिवर्तन हमारे मस्तिज पर भी अक्षर करते है । यह बात सुनने मैं बहुत अजीब लग रही होगी लेकिन यही सच। है आंतो और मस्तिज्ग के बीच सीधा संबंध होता है और इसे ( अक्सर गट ब्रेन येक्शिश ) कहा जाता है   उदाहरण के लिए जब हम तनाओ मैं होते है तब हमारे पेट मैं कुछ अस्वस्थ का अपुभाब होता है कभी अपने ये देखा है की चिंता के समय पेट मैं कुछ गड़बड़ी होती है ये काम गट ब्रेन का ही होता है

बेग्यानिको की रिसर्च से पता चला है की जिन लोगो के आंतो का मैकोबायोम संतुलित होता है  वे हमेशा मानसिक रूप से अधिक स्वास्थ होते है और बही दूसरी ओर असंतुलित मैकोबायॉम बाला मानव अवसाद और चिंता जेसी दिमागी या कह सके की मानसिक समस्या का कारण बना रहता है

Maicobayom

सोचिए, कैसे केवल आपके खाने-पीने की आदतें आपके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं। एक समय था जब हमने केवल पोषण और शारीरिक स्वास्थ्य के बीच संबंध को देखा था। लेकिन अब हम जानते हैं कि एक स्वस्थ आहार न केवल शरीर के लिए, बल्कि मस्तिष्क के लिए भी लाभकारी है। उदाहरण के लिए, प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थ, जैसे कि दही और किमची, आंत के बैक्टीरिया के संतुलन को सुधार सकते हैं और मानसिक स्वास्थ्य को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं।

वहीं दूसरी ओर, तनाव और मानसिक दबाव भी आंत के स्वास्थ्य पर असर डालते हैं। तनाव के समय, शरीर में उत्पन्न होने वाले हार्मोन आंत के बैक्टीरिया को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे पाचन समस्याएं और माइक्रोबायोम में असंतुलन उत्पन्न हो सकता है। यह एक दुष्चक्र बन जाता है, जिसमें आंत और मस्तिष्क एक-दूसरे को लगातार प्रभावित करते रहते हैं।

 

हालांकि इस क्षेत्र में अनुसंधान अभी भी प्रारंभिक अवस्था में है, लेकिन इसके परिणाम बेहद उत्साहजनक हैं। माइक्रोबायोम-आधारित उपचार और प्रोबायोटिक सप्लिमेंट्स के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान संभव हो सकता है। यह न केवल मानसिक स्वास्थ्य में सुधार की नई संभावनाओं को खोलता है, बल्कि हमारे समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण भी प्रदान करता है।

 

फर्मेट्स फूड्स जैसे // दही किमची और केफीर मैं मौजूद प्राइबेयोरिक्स और आंतो के मैकोबेयोम को संतुलित करने मैं सहायता पैशन करता है लेकिन क्या वह काफी है इसको संतुलित करने की लिए शायद नही मैकोबेयम पर हमारे जीवनशैली और खान पान का गहरा असर पड़ता है संतुलित आहार नियमित व्यायाम और तनाओं प्रबंधन ये सब बहुत ही महत्वपूर्ण है

आंतो की सेहत को प्राथमिकता देना आज की बहुत ज्यादा जरूरत हैं यह न केवल आपके शारीरिक स्वास्थ को बेहतर बनाता है बल्कि मानसिक स्वास्थ के लिए भी फायदेमंद होता है तो अगली बार जब आप अपनी मानसिक स्थिति को बेहतर बनाने की सोचो तो अपने आंतो पर ध्यान दे

 

साधारण उपाय Maditation

कई बार साधारण उपाय भी गहरा असर डाल सकते है उदाहरण के लिए क्या अपने कभी ध्यान या बिसराम करने की कोशिश की है ये किर्या न केवल मानसिक शांति देती है बल्कि आपके मैकोबायॉम को भी संतुलित करती है  और आपकी हेल्थ मैं बहुत ज्यादा सुधार करेगी जिससे आपका माइंड और आपका शरीर दोनो ही आपके हिसाब से कार्य करना सुरु कर देंगे और आप अपने शरीर पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे

 

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